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हजारीबाग में पहली बारिश का कहर,मासीपीढ़ी से चंद्ररु धाम तक जलजमाव, नगर निगम की खुली पोल

सड़कें बनीं तालाब, नालियां उफनाईं, नदी का पानी सड़क पर — जनजीवन अस्त-व्यस्त

मासीपीढ़ी से लेकर सूर्य मंदिर तक जल का कहर, लोग जोखिम में सफर कर रहे

हजारीबाग:-मानसून की पहली बारिश ने हजारीबाग नगर निगम के दावों की पोल खोल कर रख दी है। शहर में कई स्थानों पर जलजमाव की भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है। खासकर मासीपीढ़ी, रांची-हजारीबाग रोड, और चंद्ररु धाम स्थित सूर्य मंदिर इलाके पानी में डूब चुके हैं।नगर निगम की ओर से पहले ही दावा किया गया था कि बारिश से पूर्व सभी नालियों की सफाई और निर्माणाधीन विकास कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन हालात जमीनी हकीकत को उजागर कर रहे हैं — न नालियों की सफाई हुई, न जल निकासी की कोई पुख्ता व्यवस्था की गई।मासीपीढ़ी में पानी इतना भर गया है कि लोगों का पैदल चलना तो दूर, वाहन चालकों को भी भारी जोखिम उठाकर सड़क पार करनी पड़ रही है।वहीं दूसरी ओर, चंद्ररु धाम स्थित सूर्य मंदिर परिसर भी बारिश के पानी में पूरी तरह डूब गया है। यह वही इलाका है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। पहली बारिश में ही ऐसा हाल देख स्थानीय लोगों ने प्रशासन की नीयत और व्यवस्था दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

नदी का जलस्तर बढ़ा, अतिक्रमण ने बढ़ाई मुसीबत
शहर की नदियों का जलस्तर पिछले 24 घंटों में खतरनाक ढंग से बढ़ा है। कई स्थानों पर नदी का पानी सड़कों पर बहता नजर आ रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अवैध अतिक्रमण ने जल निकासी की राहें बंद कर दी हैं, जिससे जलजमाव आम होता जा रहा है।लोग बोले: “बारिश राहत लेकर आती है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही इसे आफ़त बना देती है।”

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