बड़कागांव के पारंपरिक कलाकारों द्वारा दिया जा रहा है मूर्त रूप
जिला समाहरणालय हजारीबाग अब नए आकर्षक सोहराई आर्ट से सजेगा। हजारीबाग की विख्यात सोहराई कला यूं तो भारत के कई भवनों की शोभा बढ़ा रही है। जिला प्रशासन इसी सोच के साथ हजारीबाग की थाती सोहराई कला को उचित मंच और सम्मान देते हुए समाहरणालय के दीवारों, स्तंभों पर स्थानीय सोहराई कलाकृति उकेरने का निर्णय लिया है।
काला,पीला,हरा और सफेद प्राकृतिक रंगों से

इस कलाकृति में घोड़ा,गाय,मछली, वनस्पति,पक्षी,जंगल व आदिवासी संस्कृति से रू-ब-रू कराती चित्रकारी की जाएगी। समाहरणालय भवन के सभी प्रथम,द्वितीय व तृतीय तल्लों में यहां की कोहबर व सोहराय पेंटिंग्स से सजाया जायेगा। काला,पीला,हरा और सफेद प्राकृतिक रंगों से इस झारखंडी संस्कृति को हजारीबाग की महिला कलाकारों रुकमणी देवी, सुषमा देवी, बबिता देवी ने जीवंत किया है।