घटना झारखंड की है जहां पूर्व मंत्री और विधायकों को सरकारी बंगलों का मोहभंग नहीं हो पा रहा है. नोटिस मिलने के बावजूद सरकारी आवास में डटे हुए हैं. ऐसे विधायकों की संख्या 39 है जिन्हें आवास खाली करने की नोटिस दी गई है.
रांची: झारखंड विधानसभा से दो बार नोटिस मिलने के बाद भी पूर्व मंत्री या विधायक आवास खाली करने को तैयार नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत 39 पूर्व विधायकों को नोटिस दिया गया है. पहली और दूसरी नोटिस में क्रमशः 10 और 7 दिन का समय दिया गया था बावजूद इसके या तो आवास खाली नहीं हुए या वहां ताले लगे हुए हैं.
सरकारी बंगले से महरूम है मंत्री…
हेमंत सरकार में मंत्री परिषद का गठन हो चुका है. मंत्रियों को मंत्रालय भी मिल गए, सरकार बने 2 महीने से ऊपर हो चुका.. पूर्व मंत्रियों के मंत्री आवास नहीं खाली करने की वजह से हेमंत सरकार के मंत्रियों को आवास आवंटित नहीं हो पा रहा है.. फिलहाल वो सरकारी बंगले से महरूम है.
पहली बार विधायक बने अपने दोस्तों रिश्तेदारों के घर डेरा डाले हुए हैं ....
पहली बार विधानसभा जीत कर आने वाले विधायकों की स्थिति कुछ ज्यादा उठापटक वाली है. कई ऐसे भी विधायक हैं इनके पास रांची में आवास नहीं है. कई विधायक तो सरकारी अतिथि गृह में रहकर विधानसभा की कार्यवाही में भाग ले रहे हैं. कई विधायक अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के पास रहकर काम चला रहे हैं.
जिन्हें सरकारी बंगले खाली करने का नोटिस मिला है … इस बार विधानसभा नहीं पहुंच पाए…. कुछ को टिकट नहीं मिला, कुछ चुनाव नहीं लड़े, कुछ चुनाव हार गए.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, सत्येंद्र नाथ तिवारी, जयप्रकाश सिंह भोक्ता, अशोक कुमार, जानकी प्रसाद, साइमन मरांडी, ताला मरांडी, मनोज कुमार यादव, राजकुमार यादव,जयप्रकाश वर्मा, नागेंद्र महतो फूलचंद मंडल, बबीता देवी, नागेंद्र महतो, राजकिशोर महतो, अरुण चटर्जी, कुणाल सारंगी, संजीव सिंह, मेनका सरदार, लक्ष्मण टुडू, रामचंद्र सहिस ,साधु चरण महतो, शशि भूषण सामङ,. रामकुमार पाहन, सीमा देवी, पौलुस सुरीन, प्रकाश राम, सुखदेव भगत, देवेंद्र कुमार सिंह,. कुशवाहा शिवपूजन मेहता, राधा कृष्ण किशोर, गणेश गंझू, डॉ जीतू चरण राम, गंगोत्री कुजूर, शिव शंकर उरांव, विमला प्रधान निर्भय कुमार शाहाबादी व हरि कृष्ण सिंह