कंगना का उद्धव ठाकरे को खुली चुनौती
उद्धव ठाकरे आज मेरा मंदिर टूटा है कल डेरा घमंड टूटेगा
यह वक्त का पहिया है हमेशा एक जैसा नहीं रहता
वक्त और दशा हर किसी का बदलता है
यह तेरे पतन की शुरुआत है,कल इसका अहसास कराएगा
कंगना बनाम उद्धव ठाकरे के अभियान ने कंगना का पलड़ा काफी भारी

सुशांत डेथ मिस्ट्री में जस्टिस फ़ॉर सुशांत और बॉलीवुड में जड़ जमाए नेपोटिज्म , ड्रग्स सिंडिकेट और देशद्रोही अंडरवर्ल्ड का दबदबा के पर्दाफाश के लिए मुखर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश की वीरांगना कंगना रनौत का ऑफिस पर महाराष्ट्र हाईकोर्ट के आदेश के विपरीत BMC द्वारा चलाया गया बुलडोजर , बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार के सीएम उद्धव ठाकरे के गले की फांस बन गई है. महाराष्ट्र की अंगुली पर गिनती के शिवसेना एवं इनके नेताओं को छोड़ पूरे देश में उबाल ही उबाल है पूरा देश इसे बदले की कार्रवाई की संज्ञा देते हुए इसकी तीखी भर्त्सना आलोचना कर रहा है और जितना मुंह उतनी प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही है. टीवी चैनलों पर इसपर डिबेट दंगल व महाभारत थमने का नाम नहीं ले रहा है ,शिवसेना अकेली खड़ी नजर आ रही है. नेशनल टीवी चैनल तो मुंबई आई कंगना भागी शिवसेना ब्रेकिंग न्यूज़ चला ,वही आज तक टीवी चैनल कंगना का आज मेरा मंदिर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा यह वक्त का पहिया है हमेशा एक जैसा नहीं रहता आदि कंगना द्वारा उद्धव ठाकरे को दी गई चुनौतियां एवं कंगना के ऑफिस पर बीएमसी का बुलडोजर कितना सही कितना गलत पर डिबेट छिड़ा . प्रायः लाइव टीवी चैनल सोशल मीडिया हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध बीएमसी द्वारा कंगना के ऑफिस पर चलाया गया बुलडोजर को बदले की कार्रवाई करार दिया जा रहा है. परिलक्षित तौर पर महाराष्ट्र सरकार के सीएम और शिवसेना के सुप्रीमो उद्धव ठाकरे बिल्कुल तनहा खड़े नजर आ रहे हैं वहीं करोड़ों देशवासी कंगना रनौत के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं कंगना को शेरनी वीरांगना आदि उपमायों से नवाज रहे हैं .
महाराष्ट्र की धरती पर ही उद्धव ठाकरे या संजय राउत की हद पिटी

शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय रावत की चेतावनी व धमकी भरी मनाही के बाद भी 9 सितंबर को मुंबई पहुंची कंगना रनौत के दरमयान विरोधी शिवसेना की शक्ति प्रदर्शन और कंगना रनौत के समर्थन में जुटी करणी सेना आरपीआई ब्रिगेड आदि अन्य संगठन के बीच मुकाबला नहीं के बराबर दिखा . कंगना रनौत के विरोध में काले झंडे और समर्थन में भगवा झंडा की संख्या में आसमान जमीन का अंतर दिखा. भगवा झंडे के उत्साह के सामने काले झंडे का जुनून फीका पड़ गया कंगना रनौत शेरनी की भांति मुंबई एयरपोर्ट पर उतरी और वीरांगना व वीवीआइपी की तरह वाई कैटेगरी सहित अपने लाखो समर्थकों की सुरक्षा व्यवस्थाआ में मुंबई स्थित अपने मकान पर पहुंची. आम मंतव्य है कि संजय रावत और शिवसेना के गठबंधन सरकार के सीएम उद्धव ठाकरे को सपने में भी बिल्कुल विश्वास व अंदाजा नहीं था की कंगना रनौत बनाम संजय रावत के शतरंज के खेल में कंगना रनौत बादशाह और संजय रावत पयादा साबित हो जाएंगे, किन्तु हुआ ऐसा ही..
उद्धव ठाकरे को न माया मिली और ना राम

कंगना बनाम उद्धव ठाकरे का परिणाम अजीबोगरीब नजर आ रहा है, बड़बोले संजय राऊत की बोलती ही बंद हो गई है. दहाड़ने वाला शेर भीगी बिल्ली बना हुआ है उद्धव ठाकरे भी घोर सकते में पड़े नजर आ रहे हैं इनकी स्थिति दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम की बनी हुई है. करोड़ों लोगों की आलोचना दर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, सरकार भी संकट में फस गयी है हाई कोर्ट ने भी बीएमसी के बुलडोजर कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़ा कर इसे कठघरे में खड़ा कर दिया है. महामहिम राज्यपाल ने भी इसे गलत करवाई ठहराते हुए रिपोर्ट केंद्र को भेजने का ऐलान कर दिया है. उद्धव ठाकरे बीच मझधार में बिल्कुल अकेले खड़ा नजर आ रहे हैं चहुंओर आलोचनाएं ही हो रही है विरोध का स्वर ही उभर रहा है .
नारी समुदाय में भी भारी आक्रोश उबाल
नारी समुदाय का आरोप है कि BMC ने सरकार के दबाव में सत्य की लड़ाई लड़ रही भारतीय नारी कंगना के ऑफिस , जिसे कंगना ने अपने मंदिर की उपमा दी है पर हथौड़े बरसा कर दिवंगत बाबासाहेब बाल ठाकरे और उनके द्वारा राष्ट्रीयता हिंदुत्व और नारी की रक्षा के पुनीत उद्देश्य से सुसंगठित शिवसेना के सिद्धान्तों उसूलों का भारी अपमान और क्रूर खिलवाड़ किया जो काबिले बर्दास्त नही है साथ ही भारी मलाल का इजहार करते हुए अफसोस भी जताया है कि काश ! आज बाला साहेब ठाकरे जीवित होते तो छत्रपति शिवाजी महाराज की पावन धरती महाराष्ट्र को ऐसा बुरा दिन व हालात हरगिज भी देखने को नहीं मिलता .
महाराष्ट्र सरकार के गठबंधन दल कांग्रेस की भी हो रही भारी किरकिरी

महाराष्ट्र सरकार व बीएमसी की महाराष्ट्र हाई कोर्ट के निर्देश के विपरीत इस गलत कार्रवाई व हरकत पर महाराष्ट्र सरकार के गठबंधन राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस की चुप्पी पर भी काफी आलोचना हो रही है . इसे सत्ता में बने रहने का घिनौना खेल और विनाश काले विपरीत बुद्धि की संज्ञा दी जा रही है और इसका विपरीत असर काग्रेस के राजनीतिक सफर व भविष्य पर पड़ने से इनकार नही किया जा रहा है जो स्वाभाविक व लाजमी भी प्रतीत होता है वहीं महाराष्ट्र सरकार के दूसरे गठबंधन दल एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार ने तो डूबते डूबते अपनी साख व छवि बचा ली और बीएमसी की कार्रवाई को गलत करार देते हुए उद्धव ठाकरे पर अपनी नाराजगी भी जताकर अपना सियासी कार्ड खेल दिया .इसे ही राजनीतिक व कूटनीतिक सियासी चतुराई व विशेषता की संज्ञा दी जा रही है.
कसते कानूनी शिकंजे से गुनहगारों के सिंडिकेट की उड़ी नींद
दूसरी तरफ सुशांत डेथ के लिए आम नजरों में जिम्मेवार रिया चक्रवर्ती उसका भाई शोविक चक्रवर्ती सहयोगी सिद्धार्थ पठानी, साइमन मिरांडा का ड्रग कनेक्शन में एनसीबी द्वारा गिरफ्तारी और सीबीआई और ईडी का लगातार कसा शिकंजा ने तो बॉलीवुड के नेपटेक ,ड्रग माफिया और देशद्रोही अंडरवर्ल्ड के नजदीकी कथित दिग्गजों के सिर पर लटकता सम्भावित कानून की तलवार का भय व खतरा ने तो इनकी नींद उड़ा दी है. देर सबेर इनका भी नपना तय माना जा रहा है सारी हेकड़ी हवा हो गई है. अपने को राष्ट्रवादी बताने वाले बॉलीवुड के कई शख्सियतों की भी कलई खुली है यह जस्टिस इन सुशांत डेथ केस और बॉलीवुड में जड़ जमाए नेपोटिज्म ,ड्रग सिंडिकेट एवं देशद्रोही अंडरवर्ल्ड बॉलीवुड पर वर्चस्व का पर्दाफाश की मांग का स्वर बुलंद करती कंगना रनौत ,करोड़ो देशवासियों ,टीवी एंकरों रिपोर्टरों सोशल मीडिया की अब्सल्युट जीत और इसे जमीनदोज बनाए रखने वाले शख्सियतों की करारी हार नहीं तो इसे और क्या संज्ञा दी जा सकती है?
सुशांत कंगना प्रकरण का राजनीतिक इतिहास का अहम अध्याय बनाता तय

सुशांत डेथ मिस्ट्री और कंगना बनाम उद्धव ठाकरे प्रकरण के अंतिम परिणाम का ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो समय ही बताएगा किन्तु अभी तक तो सत्य ने ही बाजी मारी है और भविष्य में भी इसी के हाथ बाजी लगने की संभावना प्रबल मानी जा रही है वही दूसरी तरफ सुशांत कंगना प्रकरण का भारतीय राजनीति का एक अहम अध्याय बनना भी तय माना जा रहा है जिसके पन्नों में सत्य के पक्षकारों का नाम सुनहरे अक्षरों और असत्य के पक्षकारों का नाम काले अक्षरों में लिखा जाएगा जिसे आने वाली पीढ़ियां सबक के तौर पर स्वीकार करेंगी. संपूर्ण देशवासियों को इसकी बेसब्री से प्रतीक्षा भी रहेगी . सत्यमेव जयते !
वरिष्ठ पत्रकार व स्तंभकार प्रो0 धीरेंद्र नाथ सिंह, न्यूजरूम दैनिक खबर