ऑस्ट्रेलिया बीते चार महीनों से जल रहा है
ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में बीते 4 महीने अगस्त 2019 से लगी आग में लगभग 50 करोड़ जानवर की जलने से मौत हो चुकी है, 24 लोग हादसे का शिकार हो चुके हैं , लगभग 2000 घर तबाह हुए.

ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग अब तक की सबसे विनाशकारी भीषण आग है, आग का फैलाव लगभग 5.5 मिलियन हेक्टर है इसकी चपेट में झुलस कर स्तनधारी, पशु- पक्षी रेंगने वाले दुर्लभ जीव जंतु सभी हैं.

ऑस्ट्रेलिया सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी आग पर काबू पाना मुश्किल होता जा रहा है ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन आग से बनी अभूतपूर्व आपदा से निपटने के लिए नेशनल बुक फायर रिकवरी एजेंसी का गठन किया, एजेंसी रिकवरी के लिए 2 साल तक काम करेगी. आपदा से निपटने के लिए आर्मी भी लगी है. सरकार ने आपातकाल की घोषणा की है.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने देश में बनी आपातकालीन स्थिति को देखते हुए 13 जनवरी से शुरू होने वाली अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा रद्द कर दी
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने एक बयान में कहा, देश इस वक्त देशभर में फैली भीषण जंगल आग से जूझ रहा है इस मुश्किल घड़ी में हमारी सरकार का पूरा ध्यान ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों की मदद करने पर केंद्रित है कई लोगों फिलहाल आग के खतरों का सामना कर रहे और कई लोग इससे उबर चुके हैं
आग का सबसे बुरा असर सबसे ज्यादा आबादी वाले जगह पूर्वी और दक्षिणी कोस्ट पर हुआ है, ऑस्ट्रेलिया में लगी आग का साइज बेल्जियम के साइज से दुगना है

भीषण आग की वजह से कोअला जल जल कर बिस्तरों पर गिर रहे हैं कोअला सबसे अधिक न्यू साउथ वेल्स के मध्य उत्तरी इलाकों में पाए जाते हैं करीबन 8000 कोअला आग में जल चुके हैं

आग की वजह मानी जा रही है क्लाइमेट चेंज साथ ही
सितंबर में भयंकर पड़ी गर्मी की वजह से न्यू साउथ वेल्स और क्वींसलैंड के जंगलों में लगी आग ऐसे वीभत्स भयंकर हालात बना गए
स्थानीय निवासियों एवं पर्यटकों की सुरक्षा की दृष्टिकोण से सरकार ने सड़कों को बंद कर दिया है
